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उसने यह भी कहा, “वह और मैं अभी भी अच्छे दोस्त थे, एक साथ नाटक कर रहे थे। मुझे याद है, हम नादिरा बब्बर के नाटक के लिए कलकत्ता जा रहे थे, वह अलग दिख रहे थे, उनका सिर मुंडा हुआ था, किसी फिल्म के लिए वह कर रहे थे, मुझे लगता है। जब वह कमरे से बाहर जा रहा था, तो उसने मेरी ओर देखा, और हमारे बीच कुछ गुजरा। बाद में उसने आकर मेरा दरवाजा खटखटाया, और कहा, ‘मैं तुमसे बात करना चाहता हूँ।’ फिर उसने कहा ‘मुझे लगता है कि मुझे तुमसे प्यार हो गया है।’ और अचानक इतना बड़ा, तीव्र परिवर्तन हुआ, रसायन शास्त्र में विस्फोट हो गया। मैंने तलाक ले लिया और उससे शादी कर ली। उसके पास तब कुछ भी नहीं था।” (फोटो: सिकंदर खेर/इंस्टाग्राम)
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